Contents
TB की फुल फॉर्म क्या होती है?
TB की अंग्रेजी में फुल फॉर्म Tuberculosis होती हैं और इसे हिंदी भाषा में क्षय रोग कहा जाता है।
TB रोग क्या होता है?
TB एक प्रकार का घातक संक्रामक रोग होता है। यह रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होता है। TB सबसे ज्यादा हमला लोगों के फेफड़ों पर करता है। TB फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। TB रोग अधिकतर हवा के माध्यम से तेजी से फैलता है। जब भी कोई टीबी रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है तब कुछ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लिओ उत्पन्न हो जाते है जो हवा के माध्यम से अन्य लोगों को संक्रमित कर देते है।
TB रोग के लक्षण:
- TB होने पर व्यक्ति को लगातार तीन हफ्तों से खांसी चलती और यह आगे भी जारी रहती है।
- TB रोग से रोग ग्रस्त व्यक्ति को खांसी के साथ खून का आने की समस्या भी होती है।
- इससे रोग ग्रस्त व्यक्ति की छाती में दर्द होता है और उसकी सांस फूलने लगती है।
- TB से रोग ग्रस्त व्यक्ति का वजन कम होने लगता है और वह बहुत ज्यादा थकान महसूस करने लगता है।
- इस रोग से संक्रमित व्यवसाय को शाम के समय बुखार आने व ठंड लगने की समस्या भी होती है और उस व्यक्ति को रात के समय पसीना भी आता है।
TB रोग के प्रकार:
1) पल्मोनरी TB :- यदि TB रोग का जीवाणु फेफड़ों को संक्रमित करता है तो वह पल्मोनरी TB कहलाता है। इस प्रकार के TB का बैक्टीरिया 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में आमतौर पर सीने में दर्द और लंबे समय तक खांसी व बलगम होने की शिकायत शामिल हो सकती है। कई बार पल्मोनरी TB से संक्रमित लोगों की खांसी के साथ कुछ मात्रा में खून भी आ सकता है।
2) एक्स्ट्रा पल्मोनरी TB :- यदि TB का जीवाणु फेफड़ों की जगह शरीर के किसी अन्य अंग को प्रभावित करता है तो इस प्रकार के TB को एक्स्ट्रा पल्मोनरी TB कहा जाता है। एक्स्ट्रा पल्मोनरी TB पल्मोनरी टीबी के साथ भी हो सकता है। इस प्रकार की TB में संक्रमण फेफड़ों से बाहर की ओर फैल जाता है और फैल कर शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करने लगता है। इसके कारण फेफड़ों के अलावा अन्य प्रकार के TB रोग हो जाते है।
TB रोग से बचाव करने के तरीके:
- 3 हफ्ते से लगातार खांसी या बलगम की शिकायत होने पर डॉक्टर को दिखाएं और दवा का पूरा कोर्स लें। जब तक डॉक्टर न कहें तब तक दवा बंद न करे।
- हमेशा मास्क पहनें या फिर हर बार खांसने या छींकने या कुछ बोलने से पहले अपने मुंह को पेपर नैपकिन से ढक दें।
- रोग ग्रस्त व्यक्ति को किसी प्लास्टिक के बैग में थूंकना चाहिए और उसमें आपको फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल देना चाहिए।
- रोग ग्रस्त व्यक्ति को हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहना चाहिए और AC से परहेज रखनी चाहिए
- आपको बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज रखनी चाहिए।
- आपको भीड़-भाड़ और गंदी जगहों पर कम से कम जाना चाहिए।