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CD और DVD की फुल फॉर्म क्या होती है?
CD की फुल फॉर्म क्या होती है?
CD की अंग्रेजी में फुल फॉर्म Compact disk होती हैं और इसे हिंदी में भी इसे कॉम्पैक्ट डिस्क और कैसड के नाम से जाना जाता है।
Compact disk (CD) क्या होती है?
Compact Disk (CD) एक विशेष प्रकार की डिस्क होती है और इस डिस्क में किस भी डाटा को एक ही बार लिखा जा सकता है। इस लिखे हुए डेटा को कई बार पड़ा जा सकता है। Compact Disk (CD) को पहले सिर्फ काम की चीजों और डिजिटल ऑडियो की रिकॉर्डिंगों को स्टोर करने में इस्तेमाल किया जाता था। धीरे धीरे Compact Disk (CD) का उपयोग सभी प्रकार के डाटा को जमा कर इक्कठा करने के लिए किया जाने लगा है। एक Compact Disk (CD) में किसी भी डेटा को पड़ने का कार्य करने के लिए एक विशेष उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस विशेष उपकरण जो CD-ROM Drive के नाम से जाना जाता है। Compact Disk (CD) पर किसी डाटा को लिखने और पड़ने के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। CD-ROM को ऑप्टिकल डिस्क के नाम से भी जाना जाता है।
Compact Disk (CD) का इतिहास क्या है?
Compact Disk (CD) का आविष्कार जेम्स रसेल द्वारा किया गया था। जेम्स के पेटेंट का लाइसेंस सोनी और फिलिप्स कंपनी द्वारा वर्ष 1980 में ले लिया गया था। इसे व्यावसायिक रूप में वर्ष 1982 में Compact Disk (CD) बनने लगी थी और सोनी कंपनी ने वर्ष 1982 में दुनिया में पहली सीडी ऑडियो प्लेयर CDP-101 को लांच किया था। पुराने समय में सबसे अधिक रील वाली CD का उपयोग किया जाता था। Compact Disk (CD) का उपयोग शुरू के पहले लोग ऐसे कई प्रकार के स्टोरेज मीडिया डिवाइस का उपयोग किया करते थे और सबसे अधिक डेटा को स्टोर करने वाला उपयोग में लिया जाने वाला डिवाइस जो कॉमन स्टोरेज मीडिया जिसे कहा जाता था वो 3.5″ floppy diskette है।
Compact Disk (CD) कैसे काम करती है?
Compact Disk (CD) के काम करने का तरीका HARD DISK से काफी अलग होता है। Compact Disk (CD) में ट्रैक स्पाइरल होते है और यह एकदम चपटी (FLAT) होती होते हैं। Compact Disk (CD) एक प्रकार की READ ONLY MEMORY ही होती है। एक Compact Disk (CD) में डाटा को एनकोड करने के लिए इसमें लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। एक कैसेट में लेजर बीम की सहायता से CD में मौजूदा डेटा की एन्कोडिंग की जाती है। Compact Disk (CD) पर डाटा को लिखे के लिए एक और प्रकार के विशेष डिवाइस का उपयोग किया जाता है। इस दूसरे विशेष डिवाइस को CD-Writer के नाम से जाना जाता है। जब आप इसमें अपने डेटा को स्टोर करते है तो आप इस स्टोर किए गए डाटा को रीड भी कर सकते है।
Compact Disk (CD) का उपयोग कंप्यूटर में क्यों किया जाता है?
Compact Disk (CD) का उपयोग मुख्य रूप से किसी भी प्रकार के डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें स्टोर किये गए डेटा को बाद में आप आसानी से retrive या execute कर सकते है। Compact Disk (CD) में आप सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को भी स्टोर कर सकते है। इन सॉफ्टवेयर को बाद में आप अपने कंप्यूटर में शुरू कर सकते है। Compact Disk (CD) का उपयोग विभिन्न प्रकार की फाइलों को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता है। एक CD को आप एक बैकअप के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है और फिर इसे आप किसी दुसरे कंप्यूटर या सिस्टम में आसानी से ट्रांसफर कर सकते है। केवल इतना है नहीं आप एक CD का उपयोग गाने, फ़ोटो और मूवी को स्टोर करने के लिए भी कर सकते है।
Compact Disk (CD) में कितना Data स्टोर किया जा सकता है?
एक स्टैंडर्ड Compact Disk (CD) 72 minutes के गाने या 650 MB के data को स्टोर करने में सक्षम होती है और एक 80 minute की Compact Disk (CD) 700MB तक के data को स्टोर करने में सक्षम होती है।
DVD की फुल फॉर्म क्या होती है?
DVD की अंग्रेजी में फुल फॉर्म Digital Video Disc होती है और इसे हिंदी भाषा में डिजिटल वर्सटाइल डिस्क के नाम से जाना जाता है।
Digital Video Disc (DVD) क्या होती है?
Digital Optical Disk Storage (DVD) एक वर्कर का ऐसा फॉर्मेट होता है जिसका उपयोग उच्च क्षमता वाले वीडियो को स्टोर करने के लिए किया जाता है। Digital Optical Disk Storage (DVD) में आप हाई क्वालिटी वाले वीडियो और फिल्मों को स्टोर कर सकते है। Digital Optical Disk Storage (DVD) का उपयोग मुख्य रूप से वीडियो और ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर करने के लिए किया जाता है। Digital Optical Disk Storage (DVD) का उपयोग करते समय कुछ मुख्य शब्दों का भी इस्तेमाल किया जाता है। इन शब्दों का इस्तेमाल सबसे अधिक उन लोगों द्वारा किया जाता है जो DVD को सबसे अधिक इस्तेमाल में लेते है। सबसे मुख्य और लोकप्रिय शब्द निम्नलिखित है:
- DVD को Read करना और READ DVD: इस शब्द का अर्थ है की DVD में जो भी डेटा स्टोर किया गया है उसे उपयोग में लेना। उदाहरण के लिए जैसे किसी भी DVD में आपने कोई वीडियो स्टोर किया है और आप उसे किसी DVD प्लेयर में चालू करके देख रहे है तो इसका मतलब यह है की आप अपनी DVD READ कर रहे है।
- DVD को Write करना और WRITE DVD: इस शब्द को DVD Burn के नाम से भी जाना जाता है। इसका अर्थ है की किसी भी एक खाली DVD में आप डेटा को स्टोर कर रहे है या करना चाहते है। जब भी आप किसी भी DVD में किसी भी प्रकार के डेटा को स्टोर है तो उसे DVD Write करना या DVD BURN करना ही कहा जाता है। इसे आप सरल शब्दों में किसी डेटा को स्टोर करना भी कह सकते है।
- DVD को Rewritten करना या ERASE DVD: जब भी आप किए DVD में किसी भी प्रकार के मौजूदा डेटा को मिटाना चाहते है या उसमे स्टोर किए है डेटा को हटाते है और उसमें नए डाटा को स्टोर करते है तो इसे DVD को Rewritten के नाम से है बोला जाता है।
Digital Optical Disk Storage (DVD) की साइज़ कितनी होती है?
Digital Optical Disk Storage (DVD) के मुख्य रूप से 2 आकार होते है और आमतौर पर DVD दो साइज की आती है। एक 12cm वाली DVD DISK आती है और दूसरी 8cm वाली Mini DVD Disc आती है। सबसे अधिक 12 cm वाली DVD DISK का उपयोग किया जाता है।
Digital Optical Disk Storage (DVD) का इतिहास क्या है?
Digital Optical Disk Storage (DVD) को वर्ष 1995 में फिलिप्स, सोनी, तोशिबा और पैनासोनिक नामक 4 कंपनियों द्वारा बनाया गया था। इसे विकसित भी इन्ही 4 कंपनियों द्वारा किया गया था। एक Digital Optical Disk Storage (DVD) Compact Disk (CD) की तुलना में मुख्य रूप से अधिक डाटा को स्टोर करने में सक्षम होती है। DVD की सिंगल लेयर में की क्षमता 4.7 गीगाबाइट होती है और इसी प्रकार से इसमें सिंगल साइड डबल लेयर की क्षमता 8.5 गीगाबाइट तक होती है। वहीं एक DVD में डबल लेयर सिंगल साइड में 9.4 गीगाबाइट और डबल लेयर डबल साइड 17.08 गीगाबाइट उपलब्ध होती है।
Digital Optical Disk Storage (DVD) कितने प्रकार की होती है?
- DVD ROM: इस प्रकार की DVD में स्टोर किये गए डेटा को आप केवल पढ़ सकते है। आप उसमे स्टोर किए गए किसी भी प्रकार के डेटा में किसी भी प्रकार का कोई भी बदलाव नही कर सकते है।
- DVD R: इस प्रकार की DVD में आप डेटा को केवल एक ही बार स्टोर कर सकते है और इस प्रकार की DVD में जब एक बार कोई डेटा स्टोर हो जाता है तो उसे कोई भी उस डेटा को हटा नहीं सकता है।
- DVD RW: इस प्रकार की DVD में किसी भी डेटा को स्टोर करके आसनी से पड़ा जा सकते है। इस प्रकार की DVD में स्टोर किए गए Data को फिर से हटाया भी जा सकता है और फिर से किसी भी नए डेटा को स्टोर किया जा सकता है।
डेटा को स्टोर करने की क्षमता के अनुसार Digital Optical Disk Storage (DVD) के कितने प्रकार होते है?
वैसे तो Digital Optical Disk Storage (DVD) के कई प्रकार बाजार में उपलब्ध है लेकिन अगर DVD में डेटा को स्टोर करने की क्षमता के आधार पर देखा जाए DVD को मुख्य रूप से 4 प्रकार में बांटा जाता है। ये मुख्य 4 प्रकार निम्नलिखित है:
- Single Sided व Single Layer वाली DVD: इस प्रकार की DVD में आप अधिकतम 4.7 गीगाबाइट तक के डेटा को आसानी से स्टोर करके रख सकते है।
- Single Sided व Double Layer वाली DVD: इस प्रकार की DVD में आप 8.5 गीगाबाइट से लेकर 8.7 गीगाबाइट तक के डेटा को आसानी से स्टोर कर सकते है।
- Double Sided व Single Layer वाली DVD: इस प्रकार की DVD की में आप अधिकतम 9.4 गीगाबाइट तक के डेटा को आसानी से स्टोर कर सकते है।
- Double Sided व Double Layer वाली DVD: इस प्रकार की DVD में आप अधिकतम 17.08 गीगाबाइट तक के डेटा को आसानी से स्टोर कर सकते है।
Digital Optical Disk Storage (DVD) क्या क्या लाभ होते है?
DVD का इस्तेमाल करने के कई सारे लाभ होते है। DVD के मुख्य लाभ निम्नलिखित है:
- DVD में आप अधिक मात्रा में डेटा को स्टोर करने की क्षमता होती है।
- DVD में आपको उच्च क्वालिटी मिलती है।
- यह काफी सस्ती होती है।
- एक CD की तुलना में यह अधिक लाभदायक होती है।
Digital Optical Disk Storage (DVD) के विनिर्देश क्या होते है?
Digital Optical Disk Storage (DVD) के विनिर्देश निम्नलिखित है:
- एक DVD की कुल स्टोर करने क्षमता 17 गीगाबाइट तक हो सकती है।
- एक DVD में आप अधिकतम 133 मिनट के लिए हाई क्वालिटी वाला वीडियो देख सकते है।
- एक DVD में आपको MPEG-2 कम्प्रेशन के साथ वीडियो कम्प्रेशन का 40:1 का अनुपात मिल जाता है।
- एक DVD में आप 8 भाषाओं में साउंडट्रैक के साथ लगभग 32 भाषाओं में उपशीर्षक का भी इस्तेमाल आसानी से कर सकते है।
- एक DVD की तरंग दैर्ध्य लगभग 650 नैनोमीटर लेजर डायोड तक होती है।
- एक DVD में आप लगभग 18x से 20x की गति से लिख सकते है।
सीडी और डीवीडी में महत्वपूर्ण अंतर क्या है?
- एक Compact Disk (CD) में केवल 700MB तक के डेटा को ही स्टोर किया जा सकता है और एक Digital Optical Disk Storage (DVD) में अधिकतम 17 गीगाबाइट तक का डाटा स्टोर आसानी से किया जा सकता है।
- DVD एक बड़े आकार का अधिग्रहण करने में सक्षम होती है वहीं एक CD इसकी तुलना में अधिक प्रचलित होती है।
- CD में रिकॉर्डिंग के लिए उपयोग की जाने वाली धातु की लेयर को इसके लेबल के नीचे रखा जाता है और इसी के विपरीत एक DVD में इस धातु की लेयर को डिस्क के केंद्र में रखा जाता है।
- एक CD में पिट्स और लैंड की लेयर्स केवल एक ही रखी जा सकती है और वहीं एक DVD में यह दो प्रकार की होती हैं।
- एक CD में सर्पिल ट्रैक के बीच 1.6 माइक्रोमीटर की दूरी होती और इसमें डिस्क पर पिट्स के बीच 0.834 माइक्रोमीटर की दूरी होती हैं वहीं इसके विपरीत एक DVD में सर्पिल लूप 0.74 माइक्रोमीटर की होती है और इसमें पिट्स के बीच की दूरी 0.4 माइक्रोमीटर तक ही होती है।
- एक CD में इसके त्रुटि में सुधार करने के लिए CIRC और EFMP कोड का इस्तेमाल किया जाता है और इसी के विपरीत एक DVD में इसके में त्रुटि सुधार करने के लिए विशेष तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। DVD में RS-PC जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता हैं।