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CPR की फुल फॉर्म क्या होती है?
CPR की अंग्रेजी में फुल फॉर्म Cardiopulmonary Resuscitation होती है और इसे हिंदी में हृत्फुफ्फुसीय पुनर्जीवन कहा जाता है। CPR में प्रत्येक शब्द का विभिन्न मतलब होता है। Cardio का अर्थ दिल, Pulmonary का अर्थ फेफड़ों से संबंधित और Resuscitation एक प्रकार का मेडिकल क्षेत्र से जुड़ा शब्द है और इसका मतलब पुनर्जीवित करना होता है।
CPR का इस्तेमाल कब करना चाहिए:
- बेहोश होने पर− किसी भी व्यक्ति के बेहोश होने पर उसको होश में लाने की कोशिश करें।
- सांस की समस्या आने पर − यदि किसी भी व्यक्ति की सांस रुक जाए तो उस स्थिति में उसे CPR दे।
- अचानक गिर जाने पर − यदि कोई भी व्यक्ति अचानक गिर जाए तो उस व्यक्ति की सांस और नब्ज़ को चेक करे और अगर उस व्यक्ति की सांस रुक जाए तो उस स्थिति में CPR का उपयोग करें।
- करंट लगने पर − यदि किसी भी व्यक्ति को अचानक से करंट लगा जाता है तो उसे बिना छुएं लकड़ी की सहायता से उसके आसपास से करंट के स्त्रोत को हटाएँ और ध्यान रखें कि किसी भी वस्तु में करंट न अड़ सके और अगर उस व्यक्ति की सांस रुक जाए तो उस स्थिति में उसे CPR दे।
CPR कैसे करे:
CPR करने के लिए सबसे पहले मरीज को किसी ठोस जगह पर लिटाए और उसकी नाक और गाला चेक करे की वहां कुछ अटक तो नहीं गया है। CPR की आमतौर पर दो प्रकियाएं होती है, अपनी हतेली से पीड़ित व्यक्ति की छाती पर दबाव डाले और मुह से कृत्रिम सांस दे। पोडित के सीने के बीचोबीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए इसे दबाए, इस प्रक्रिया को एक से दो बार करें। ऐसा करने से पीड़ित की धड़कने फिर से शुरू हो जाएगी उसके बाद पम्पिंग करते वक़्त दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखे और अपनी उंगलियो से बांध ले अब अपने हाथ और कोहनी को सीधा रखे।
यदि पम्पिंग करने से भी पीड़ित की धड़कने शुरू नहीं हो रही तो पम्पिंग के साथ मरीज को कृत्रिम सांस देने की कोशिश भी करे। अपनी हथेली से छाती को 1 -2 इंच दबाए और ऐसा प्रति मिनट में कम से कम 100 बार करें और 30 बार छाती पर दबाव बनाए और दो बार पीड़ित को कृत्रिम साँस दे।
CPR के अन्य फुल फॉर्म:
- Cooking potato rice
- Cook political report
- Calibrated peer review
- Civil procedure rules
- Cost performance report
- Catch, Click, Release
- Can post reply
- Clubs for prevention and recovery