DRDO की फुल फॉर्म क्या होती है?
DRDO की अंग्रेजी में फुल फॉर्म “Defence Research and Development Organisation” होती है और इसे हिंदी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन कहा जाता है। यह भारत देश की रक्षा से जुड़े अनुसंधान के कार्यों को करने के लिये बनाई गई देश की एक अग्रणी संस्था है। यह संस्था भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक अनुषांगिक इकाई के रूप में अपना कार्य करती है। इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1956 में भारतीय थल सेना और रक्षा विज्ञान संस्था के तकनीकी विभाग के स्वरूप में की गयी थी। यह भारत की रक्षा प्रणालियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए ध्यान केंद्रित करता है। यह रक्षा प्रणाली में डिजाइन और विकास के लिए भी समर्पित रूप से काम करता है। मौजूदा समय में इस संस्था की कुल 52 प्रयोगशालाएं मौजूद हैं। इस प्रयोगशालाओं इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण आदि के क्षेत्र में अनुसंधान में कार्य किया जाता है। इस संस्था में 5 हजार से भी अधिक वैज्ञानिक कार्य करते है और इसमें 25 हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी कार्य करते हैं। इस संस्था द्वारा रडार, प्रक्षेपास्त्र से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
यह संस्था छोटे लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, रडार, व इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से सम्बंधित क्षेत्र में विकास करने के लिए कई प्रमुख परियोजनाएं चला रही है। इस संस्था ने कई सारी तकनीकों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। DRDO अत्याधुनिक हथियार प्रौद्योगिकी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी प्रयास करता है। यह राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देता है जिससे समाज को पर्याप्त लाभ मिलता है। DRDO कुल 52 प्रयोगशालाओं का समूह है। यह प्रयोगशालाएं भारत में रक्षा प्रौद्योगिकी और सैन्य प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि शस्त्रागार, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, मिसाइल, उन्नत कंप्यूटिंग, सिमुलेशन, इंजीनियरिंग सिस्टम, इंस्ट्रूमेंटेशन, विशेष सामग्री, प्रशिक्षण, युद्ध प्रणाली, नौसेना प्रणाली, जीवन विज्ञान और कृषि को विकसित करने का कार्य बहुत अच्छे से करता है।