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UPSC की फुल फॉर्म क्या होती है?
UPSC की अंग्रेजी में फुल फॉर्म Union Public Service Commission होती हैं और इसे हिंदी में संघ लोक सेवा आयोग के नाम से जाना जाता है।
UPSC का मतलब क्या होता है?
UPSC एक प्रकार का Level A और Level B में कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए स्वतंत्र संगठन होता है। UPSC भारत में हर साल सिविल सेवा परीक्षा को आयोजित करता है।
UPSC के कार्य क्या होता है?
- UPSC का मुख्य कार्य संघ के लिए सेवाओं में नियुक्ति करने के लिए परीक्षाओं को आयोजित करना है।
- UPSC सरकार के प्रबंधन और इसके लिए भर्ती का संशोधन करता है और यह व्यक्तिगत सेवा या प्रबंधन के लिए इसकी प्रणाली को नियंत्रित भी करता है।
- UPSC भारत के राष्ट्रपति द्वारा आयोग को प्रेषित करके किसी भी मामले में सरकार को परामर्श दे सकता है।
- UPSC प्रोन्नति, प्रतिनियुक्ति और आमेलन द्वारा अधिकारियों की भर्ती करता है।
- UPSC सरकार की विभिन्न सेवाओं और पदों के लिए अधिकारियों की भर्ती करने के नियम तैयार कर उनका संशोधन करता है।
UPSC का इतिहास क्या है?
UPSC की स्थापना 1 अक्टूबर, वर्ष 1926 को हुई थी और इसकड मुख्यालय धौलपुर हाउस, शाहजहाँ रोड, नई दिल्ली में स्थित है। भारत में योग्यता पर आधारित UPSC की स्थापना वर्ष 1854 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा हुई थी। पहले इसकी परीक्षाएं केवल लंदन में ही आयोजित की जाती थी। इसके पाठ्यक्रमों को ऐसे बनाया गया था कि इसमें केवल अंग्रेजी उम्मीदवार ही सफल हो पाते थे।
UPSC के लिए योग्यता क्या है?
- UPSC की परीक्षा देने के लिए उम्मीदवार की उम्र 22 वर्ष होनी चाहिए।
- इस परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम उम्र 32 वर्ष है, ओबीसी वर्ग के लिए 35 वर्ष है और एससी/एसटी के लिए 37 वर्ष है।
- इसमें उम्मीदवार भारतीय होना चाहिये या फिर नेपाल, भूटान, तिब्बती से आए शरणार्थी जो वर्ष 1962 से पहले भारत में आ गए है वो भी इस परीक्षा को दे सकते है।
- इसमें उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय, डिस्टेन्स शिक्षा, मुक्त विश्वविद्यालय या सरकार द्वारा किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
- इस परीक्षा में अगर उम्मीदवार सामान्य श्रेणी से हैं तो वो 6 बार परीक्षा दे सकता है। अगर उम्मीदवार ओबीसी वर्ग से है तो वो 9 बार परीक्षा दे सकता है और SC/ ST वर्ग के उम्मीदवार 37 वर्ष के होने तक अनगिनत बार परीक्षा दे सकते है।
UPSC में भर्ती कि प्रक्रिया क्या है?
UPSC की परीक्षा के तीन चरण होते हैं जो कि निम्नलिखित है:
1) प्रीलिम्स: यह परीक्षा प्रकृति के क्वालीफाइंग चरण में होती है और इसमें प्राप्त किए गए अंकों को अंतिम मेरिट की सूची में शामिल नहीं किया जाता है। प्रीलिम्स की परीक्षा में दोनों पेपर विषयनिष्ठ होते है। इसमें सामान्य अध्ययन की परीक्षा क्वालीफाइंग होती है और इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी की जाती है।
2) UPSC Mains: इस परीक्षा में 9 पेपर आयोजित किए जाते हैं। इसमे उम्मीदवार को प्रीलिम्स की परीक्षा के उत्तीर्ण होना पड़ता है। उसके बाद वो मेंस की परीक्षा देने के लिए योग्य होते है। mains की परीक्षा में सभी प्रश्न वर्णनात्मक प्रकार के होते हैं और इसमें दो भाषा के पेपर प्रकृति में आयोजित किए जाते है। UPSC mains की परीक्षा को 5 से 7 दिनों की अवधि में आयोजित किया जाता है। इसमें पेपर A और B क्वालिफाइंग प्रकृति के होते हैं और उम्मीदवारों को अपने पेपर पहले पेपर से सातवें पेपर तक हर पेपर में कम से कम 25% अंक प्राप्त करने होते है।
3). साक्षात्कार: यह UPSC की परीक्षा का अंतिम चरण होता है। इसमें मेरिट लिस्ट में व्यक्तित्व परीक्षण और मेंस की परीक्षा के आधार पर तैयार होती है। साक्षात्कार के चरण के लिए अधिकतम अंक 275 होते है और इस प्रकार मेरिट की सूची के लिए कुल अंक 2025 होते है। इसमें साक्षात्कारकर्ता की सामान्य रुचि से जुड़े प्रश्न पूछे जाते है। इसमें उम्मीदवार के मानसिक और सामाजिक व्यवहार को डेल्हा जाता है और कुछ गुण भी देखे जाते है। इसमे मानसिक सतर्कता, आत्मसात करने की महत्वपूर्ण शक्तियाँ, स्पष्ट और तार्किक व्याख्या, निर्णय का संतुलन, विविधता, और रुचि की गहराई, नेतृत्व, बौद्धिक और नैतिक अखंडता से जुड़े प्रश्न पूछे जाते है।
UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली मुख्य परीक्षाएं कौनसी है?
- सिविल सेवा परीक्षा
- भारतीय वन सेवा परीक्षा
- इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी परीक्षा
- नौसेना अकादमी परीक्षा
- संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा
- विशेष कक्षा प्रशिक्षण शिक्षु